इसके पेड़ दिल्ली और अन्य शहरों की सड़कों पर बहुत लगे हुए हैं । इसके तने का रंग ऊपर से सफेद और अंदर से लाल होता है । इसकी छाल जितनी सफेद होती है उतनी ही ज्यादा लाभदायक होती है । इसके पत्ते अमरूद के पत्ते जैसे चार 5 इंच लंबे और 2 इंच तक चौड़े होते हैं । फूल पीला और फल दो तीन अंगुल लंबा हरा कमरख के फल की तरह फांकदार परंतु लकड़ी जैसा कड़ा  रुयेंदार होता है । इसकी पांच या छे रुख उभरे हुए होते हैं । इस पेड़ की छाल भी दवाइयों के काम आती है । इसकी छाल का काढ़ा प्रदर, प्रमेह, दस्त और पेचिश में लाभदायक है और घाव को धोने से जल्द अच्छा करता है । इसकी 30 ग्राम छाल में दूध पाव सेर और पानी आधा किलो मिलाकर पकाओ । जब सब भारी जल जाए और उसको छान कर थोड़ी मिश्री मिलाकर पीने से दिल को ताकत मिलती है और टूटी हुई हड्डी तक जुड़ जाती है । इसके फल हरड़ की तरह दस्तावर होते हैं और इसके पत्तों का रस कान के दर्द को दूर करने में लाभदायक है ।