कब्ज [Constipation] का इलाज
दो बड़े, पीले, पके संगतरों का रस प्रातः नाश्ते से भी पहले पियें। एक हफ्ते में पुराने से पुराना कब्ज दूर होगा ।
हिस्टीरिया
दो बड़े संगतरे रोज खाने से हिस्टीरिया दूर होता है । जो स्त्रियाँ दो संगतरे प्रतिदिन खायें या १ छोटा ग्लास संगतरे का ताजा रस प्रतिदिन पियें, उन्हें हिस्टीरिया की बीमारी नहीं होती ।
कई रोगों का एक इलाज
संगतरे और कन्धारी ग्रनार, दोनों का रस मिलाकर एक ग्लास प्रतिदिन पीने से पुरानी खांसी, अनिद्रा, पायरिया, मन्दाग्नि अपच, दुर्बलता, चक्षुरोग, पत्थरी तथा जिगर [ Liver ] की गर्मी दूर होती है ।
गर्भिणी के वमन आदि का उपाय
२५ ग्राम संगतरे का रस शुद्ध शहद में मिलाकर प्रतिदिन ४ बार देने से गर्भिणी की उल्टियाँ रुक जाती हैं, अपच दूर हो जाती है । यदि दस्त आ रहे हों, तो बन्द हो जाते हैं ।
नन्हे बच्चे के दस्त का उपाय
नन्हे बच्चे को बार-बार दस्त ग्रा रहे हों, रुकते न हों, तो संगतरे के रस में पानी मिलाकर उसे माँ के दूध या गाय के दूध में मिलाइए तथा दो से चार चम्मच तक पिलाइए। दो-दो घंटे बाद रात्रि को सोने से पहले तक पिलाती रहे।
दाँत निकलने के कष्ट का उपाय
संगतरे का रस कवोष्ण [मन्द मन्द गर्म] करके दो-दो चम्मच करके पिलाइए । बच्चे की उल्टी, अपच, पेट व छाती की जलन दूर होगी । दाँत निकलने में सुविधा होगी।
कमजोर नजर का इलाज
जिनकी दृष्टिशक्ति बनाई कमजोर हो गई हो, के रस में काली मिर्च तथा जरा-सा नमक डालकर पिलाने से दृष्टि- शक्ति बढ़ती है।
मुहाँसे व झाई का इलाज
संगतरे के छिल्कों को छाया में सुखाकर बारीक पीसकर कपड़ छन कर लीजिए । इसे गुलाब के अर्क में मिलाकर भाई तथा पर मलने से आराम आता है। संगतरा छीलते ही उसका छिलका भाई- मुहाँसे पर मलने से आराम आता है । चेचक के दाग़ भी कम हो जाते हैं।
गुर्दे की पुरानी बीमारी [क्रॉनिक नेफराइटिस ] का इलाज
पहले दिन- डालकर पिलावें । -
संगतरे का २५० ग्राम रस जरा-सा सेंधा नमक -
दूसरे दिन - संगतरे का रस ४०० ग्राम जरा-सा सेंधा नमक
डालकर पिलावे ।
तीसरे दिन - संगतरे का रस ५०० ग्राम जरा-सा सेंधा नमक डालकर पिलावें । इसी तरह प्रतिदिन संगतरे का रस १०० ग्राम और बढ़ाते हुए जायें। तीस दिन तक पिलाने से पुराने से पुराना गुर्दे 1 [Kidney] का रोग [सूजन और दर्द] दूर हो जाएगा ।
विशेष- संगतरे का कल्प करते समय न रोटी, चावल, मांस आदि खायें और न अन्य कोई फल खायें। एक मास के बाद साधारण भोजन खाएँ परन्तु संगतरे का रस एक ग्लास प्रतिदिन पीना जारी रखें । ६ मास में यह रोग जड़-मूल से चला चाएगा।
गर्मी की घबराहट
इसमें संगतरे का शर्बत तुरन्त लाभ पहुंचाता है। प्यास मिट जाती है धौर काफ़ी देर तक नहीं लगती। दिन में दो-तीन बार पिया जा सकता है ।
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