यह कब्ज़ करती है, कफ़ बढ़ाती है, गर्मी का असर दूर करती है ।
रक्त प्रदर तथा श्वेत प्रदर का इलाज

रक्त प्रदर अरहर के हरे पत्ते १० ग्राम लेकर सिल पर पानी के छींटे दे-देकर पीसिए । ६ बूंदें सर्षप तेल [सरसों का तेल] मिला- कर तथा स्वाद अनुसार चीनी या बुरा-खांड मिलाकर पीयें । श्वेत प्रदर अरहर के पत्ते उपर्युक्त प्रकार से पीसकर उसमें ६ बूंदें गो-घृत मिलाकर पी जाएँ ।

बेहोशी दूर करने का उपाय 
अरहर की दाल को गाय के मूत्र में घिसकर आँखों में अंजन की तरह लगावें ।

शोथ [सूजन ] दूर करने का उपाय 
अरहर की दाल की पुल्टिस बांधें ।

मुंह के छाले, जबान के छाले
अरहर की पत्तियाँ चबाएँ ।

खाज का इलाज
अरहर की दाल को या पत्तों को दही के संग पीसकर लगायें ।

आधा सीसी [आधे सिर का दर्द ]

१. अरहर की दाल में एक गोली एस्प्रो पीसकर तीन-तीन घंटे बाद पानी से पिलाएँ । २. अरहर के थोड़े-से पत्तों के रस में दूर्वा [दूब] का रस मिलाकर उसकी नस्वार दें ।

कास [ खांसी= Cough ]
अरहर के कोमल पत्तों को मिश्री के साथ मुंह में रखकर चबायें ।

चाकू आदि से कटाव का इलाज 
अरहर के पत्तों को [बिना पानी डाले] सिल पर पीसकर लगावें